5 Easy Facts About Shodashi Described

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कामपूर्णजकाराख्यसुपीठान्तर्न्निवासिनीम् ।

वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—

॥ इति त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः सम्पूर्णं ॥

Saadi mantras are more accessible, useful for typical worship and to invoke the presence on the deity in daily life.

Her kind is alleged to be probably the most stunning in many of the 3 worlds, a attractiveness that is not merely physical but in addition embodies the spiritual radiance of supreme consciousness. She is often depicted to be a resplendent sixteen-year-old girl, symbolizing eternal youth and vigor.

प्रणमामि महादेवीं परमानन्दरूपिणीम् ॥८॥

She will be the in the form of Tri electricity of evolution, grooming and destruction. Whole universe is switching less than her electricity and destroys in cataclysm and once more get rebirth (Shodashi Mahavidya). By accomplishment of her I got this area and consequently adoration of her is the greatest 1.

She is depicted which has a golden hue, embodying the radiance on the growing Sunlight, and is often portrayed with a third eye, indicating her knowledge and insight.

ह्रीङ्काराम्भोधिलक्ष्मीं हिमगिरितनयामीश्वरीमीश्वराणां

लब्ध-प्रोज्ज्वल-यौवनाभिरभितोऽनङ्ग-प्रसूनादिभिः

Philosophically, she symbolizes the spiritual journey from ignorance to enlightenment and is associated with the supreme cosmic power.

These gatherings are not only about person spirituality but in addition about reinforcing the communal bonds as a result of shared experiences.

षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram

यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। here उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

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